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कविता

धर्म-भक्त

सुरजन परोही


धर्म-भक्त
बलि होकर
रक्षा करते हैं देश-भक्त की
देश की सेवा ही
उसका धर्म-युद्ध
अहिंसक

 


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हिंदी समय में सुरजन परोही की रचनाएँ